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शनिवार, 26 मई 2012

संध्या पर Tuesday, May 22, 2012



धरती पर बरसती है धूप 
और पानी आकाश पर !

एक -दूसरे को भिगोते हुए 
दोनों ही खुश हैं !

एक ही प्यार 
ढंग अपने-अपने !

लथपथ  निचुड़ते खड़े हैं 
संध्या पर दोनों 
सूखने !!

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