शुक्रवार, 27 जनवरी 2012
सोमवार, 23 जनवरी 2012
विद्ध्वंस की दया पर ?
तुम्हारी भुजाओं की पेशियों से
कहीं मजबूत हैं
मेरी कोख की पेशियाँ ,
बस इन्हें
तोड़ना और मिटाना भर नहीं आता
भुजाओं की तरह ,
क्या महज इस कारण से कि-
इसकी योग्यता सिर्फ सिरजना है
कोख को भुजाओं के आधीन
रहना होगा
सहना होगा शासन ?
यूँ कब तक रहेगा आश्रित
निर्माण विद्ध्वंस की दया पर ?
कहीं मजबूत हैं
मेरी कोख की पेशियाँ ,
बस इन्हें
तोड़ना और मिटाना भर नहीं आता
भुजाओं की तरह ,
क्या महज इस कारण से कि-
इसकी योग्यता सिर्फ सिरजना है
कोख को भुजाओं के आधीन
रहना होगा
सहना होगा शासन ?
यूँ कब तक रहेगा आश्रित
निर्माण विद्ध्वंस की दया पर ?
रविवार, 22 जनवरी 2012
पढ़ते-पढ़ते: अरुंधती राय : मुकेश अम्बानी पूंजीवाद के सबसे बड़े ...
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रविवार, 15 जनवरी 2012
voyager: ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई – प्रो. हॉकिंग
voyager: ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई – प्रो. हॉकिंग: हम अपने पाठकों के लिए एक और विचारोत्तेजक सामग्री लेकर आए हैं। इस बार प्रस्तुत है, प्रो. स्टीफन हॉकिंग के मशहूर व्याख्यान ‘ ओरिजिन आफ यूनिवर्...
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