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बुधवार, 3 मार्च 2010

'वो'


दिन तो
पहले से ही
मेरा ढल चुका
रात के ये चाँद तारे
कितने दिन ?
जानता हूँ एक दिन
'वो' आएगा
आसमाँ की
काली चादर मेँ सभी
चाँद तारे
बाँधकर ले जाएगा।
क्या करेगा मेरा ?
'वो' क्या समझ लेगा
मुझको कोई
संग -ओ -ख़िश्त
और छोड़ देगा
या
मुझे भी साथ मेँ
ले जाएगा ?
जाने क्या कीमत
लगाएगा मेरी ?
अपना संग -ए -पा
समझ कर
रख ले 'वो'
काश
ऐसा हो।