Monday, June 25, 2012
मैं उतना ही नहीं हूँ
जितना आपके सामने बैठा हूँ
वह भी हूँ
जो आपके सामने बैठेगा
कल,परसों,और आगे के दिनों में |
अगर मेरी नाव
अभी भी पानी में है
रेत पर नहीं ,
तो यकीन मानिए
बीज के भीतर मौजूद है
एक पेड़ ,
पेड़ के भीतर
जड़ें हैं ,शाखाएँ हैं,पत्ते हैं,
पत्तों के भीतर पंछी हैं,
पंछियों के भीतर
घोंसले हैं
और घोंसलों में उनके
अंडे हैं ,बच्चे हैं |
जितना आपके सामने बैठा हूँ
वह भी हूँ
जो आपके सामने बैठेगा
कल,परसों,और आगे के दिनों में |
अगर मेरी नाव
अभी भी पानी में है
रेत पर नहीं ,
तो यकीन मानिए
बीज के भीतर मौजूद है
एक पेड़ ,
पेड़ के भीतर
जड़ें हैं ,शाखाएँ हैं,पत्ते हैं,
पत्तों के भीतर पंछी हैं,
पंछियों के भीतर
घोंसले हैं
और घोंसलों में उनके
अंडे हैं ,बच्चे हैं |
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