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Wednesday, June 20, 2012ठीक है
कि जरूरी थी खून की जांच
घुस आए रोगाणुओं की पहचान
ताकि समय रहते उपचार हो सके !
लेकिन क्या यह भी जरूरी था
कि खून का नमूना
सुई की जगह खंजर घोंप कर लिया जाए ?
अब वह
तुम्हारी जांच रपट सुनेगा
या
घाव सिलवाने किसी दर्जी के पास भागेगा ?
एक सुई के लिए
एक घाव को
खंजर के खिलाफ कर देना
मुश्किल नहीं होता !! -
Wednesday, June 20, 2012उम्मीद
यही नाम बताया था
उस नाज़ुक-सी लड़की ने |
बुरी तरह रीझे मन ने कहा --
" तुम बहुत सुंदर हो "
सुनते ही अचानक
उसका रूप बदलने लगा
एक पल में उसकी जगह
एक हट्टा-कट्टा आदमी खड़ा था
साँवला चेहरा , उड़े-उड़े से बाल
कमीज के दो बटन खोले
इतमीनान से सिगरेट पीता हुआ
मेरे तरफ हाथ बढ़ाकर बोला-
"मुझे विश्वास कहते हैं |"
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Saturday, June 16, 2012शिला के नीचे दबे-दबे छटपटाते हुए
कोसते रहते हैं हम
या
रेत का रोना रोते हैं
कि हाथों मे ठहरती ही नहीं ,
क्या हम
शिला को पीस कर
रेत मिला कर
नदी और समुद्र के
एक-एक चुल्लू पानी में गूँथ कर
एक गीली मिट्टी नहीं बना सकते हैं,
जिस पर फूल उगाये जा सकें ?
जिंदगी एक उद्यम है साथी !!
मंगलवार, 10 जुलाई 2012
तीन कवितायें
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