क्यूँ आता है फिर-फिर चुनावों का मौसम ,
दिखावों का मौसम,छलावों का मौसम !
बढ़ेगी गिरानी तो उनकी बला से ,
कसेगा हमें फिर अभावों का मौसम !
नदी नाव में बैठकर सोंचती है ,
कब आएगा फिर से बहावों का मौसम !
बरसना नहीं है फ़क़त है नुमाइश ,
तकल्लुफ भरा धूप-छावों का मौसम !
जो इन पुतलियों को नचाता है ,उसके--
तकल्लुफ भरा धूप-छावों का मौसम !
जो इन पुतलियों को नचाता है ,उसके--
लिए उँगलियों के घुमावों का मौसम !
बहार-ए-गुल-ए-सुर्ख छायेगी एक दिन ,
ये कहता है दिल के अलावों का मौसम !
बहार-ए-गुल-ए-सुर्ख छायेगी एक दिन ,
ये कहता है दिल के अलावों का मौसम !
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