क्या सहेजा उस पत्थर को पहाड़ ने ,
उस पीले पत्ते को पेड़ ने,
नदी ने उस लहर को ,
उन्हें भरोसा है -
वे कहीं नहीं जाते हैं
जरा-सा घूम-फिर के लौट आते हैं
यहाँ नहीं तो वहाँ वहाँ नहीं तो कहीं और
धरती के सिवा उनका कोई नहीं है ठौर !
दरअसल
हम उन्हें नही उनकी पहचान को सहेजते हैं
उनकी पहचान को खोने से डरते हैं
तुम रश्मि,
जिस दिन धरती-सी हो जाओगी
हमेशा उन्हें अपने मे पाओगी !
bahut ki khoobsoorat khayaal....
जवाब देंहटाएंbhaadi
-ckh-