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सोमवार, 21 जनवरी 2013

जरूरी चीजें


जरूरी चीजें हमलावर होती हैं !

वे अपनी अपरिहार्यता का पाश लिए 
हमारी तरफ बढ़ती हैं 
और हमें जकड़ लेती हैं !

बचाव में हमें करना होता है 
उन्हें निरस्त्र 
या निरंतर तिरस्कार से
उनकी धार को कुंद !

वे हमारे सिर पर सवार न हो जाएँ 
हम उन्हें जमीन पर 
अपने बराबर रखने  की जगह 
एक गहरे गड्ढे में रखते हैं 

अगर वह चीज जानदार हो 
मसलन वह एक औरत हो 
तो हम गड्ढा 
उसकी पहुँच से अधिक गहरा  रखते हैं !

फिर भी हमारे तमाम इंतजामों के बा-वजूद 
अगर उन्हें वहाँ  रोका न जा सके 
और वे खुद-ब-खुद बाहर  आने लगें 
तो हम उनकी मदद में 
सबसे आगे रहेंगे 
उन्हें बाहर निकालेंगे 
लेकिन जमीन पर अपने बराबर नहीं 
बल्कि आसमान पर बिठा देंगे !

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