नदी के बहते पानी की तरह
नहीं होता है परिवर्तन,
वह होता है --
जैसे सीढ़ियों पर रखे हों बर्तन ,
पहले एक भरे
फिर उससे होकर दूसरे में
गिरने लगे पानी
तब तक तीसरा
इंतज़ार करे.........
.......................
......................
तुम किस बर्तन में हो
जानते हो ?
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