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सोमवार, 21 जनवरी 2013

कड़ी रोटी


Saturday, October 6, 2012
इतनी कड़ी  रोटी थी
कि निवाला तोड़ने में
मेरे नाखून टूट गए
और चबाने में दांत ,

जुबान तो इतना डर गई
कि जोड़ दिए हाँथ और
करने लगी प्रार्थना ,

दिमाग ने कर लिया समझौता
और अब वह लालटेन की लौ को
नीची रखने पर राजी है ,

लकड़ियों ने भी मान लिया है  कि
तेज़ आँच  में रोटी कड़ी  हो जाती है
और अब से उन्हें
रोटी सिर्फ धुएँ में सेंकनी होगी  !

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